मंडी हाउस मे विलाप

दिल्लीक नवका साल मिथिला- मैथिलीक रंग मे रंगल रहल. सालक शुरूआत बड़ नीक ढंग सं भेल. रंगमंच सं जुड़ल लोक के लेल मशहूर मंडी हाउस नवका साल के 2 तारीख रवि दिन मैथिलीक रंगमंच के लेल समर्पित रहल.
मंडी हाउस के श्रीराम सेंटर मे बाबा के विलाप के मंचन भेल.

 बाबा नाम सं दुनिया मे विख्यात मैथिलीक वैद्यनाथ मिश्र यात्री जी हिन्दी साहित्य के नागार्जुन छथिन्ह. हिनकर कविता विलाप के नाट्यरूप देलाह महेन्द्र मलंगियाजी.
जतेक नीक कविता…ओतेक नीक नाट्य रूपांतरण. एतेक नीक जे… कहि सकय छी मलंगिया जी एकरा एकटा नवका जीवन द देलखिन्ह. हुनकर जतेक प्रशंसा कएल जाए कम होएत. ई अनुभवे सं संभव अछि.
मलंगिया जीक नाट्यरूप मे मंच पर सजीव रूप देबय मे मैलोरंग के कलाकार सभ कोनो कोर-कसर नहि छोड़लखिन्ह. हर कलाकार अपन अभिनय सं दर्शक के स्पीचलेस करि देलखिन्ह. दर्शक के मुंह सं बस निकलए छलैनि वाह ! वाह !
ओना त सभ कलाकार संतोष कुमार…अमरजीत राय…दीपक ठाकुर… सुधा झा…जीतेन्द्र आओर प्रसुन जी नीक अभिनय कएलाह मुदा सभ सं बेसि थापड़ि बटोरलाह प्रेमलता जी…ज्योति झा जी आओर मुकेश जी. गजब के अभिनय. हर अंक मे थापड़ि सं सम्मान.
हर डॉयलॉग पर थापड़ि. बड़ दिन बाद एतेक नीक नाटक देखय के लेल मिलल. ई निर्देशक प्रकाश झा जीक अथक प्रयास… जोरदार मेहनत के नतीजा छल. प्रकाश जीक कइटा नाटक देखय लेल मिलल मुदा एकरा सभ सं नीक कहि सकय छी.
ई नाटक बाबा के जन्मशताब्दी वर्ष मे कएल गेल छल. दिल्ली मे आई-काल्हि हड्डी जमा देए वाला ठंड पड़ि रहल अछि. कनकनी अतेक जे घर सं छोडुं रजाई सं निकलय के मन नहि करैत अछि… एहन मे थियेटर ठसाठस भरल छल.
आमतौर पर नाटक …कार्यक्रम मे लोक बैसल-बैसल अकैछि जाए छथिन्ह. मुदा एहन पहिल बेर भेल जे नाटक खत्म भ गेल आओर कुर्सी सं उठय के मन नहि करैत छल. मन होए छल आओर देखतौं.
नाटक सं जुड़ल आओर फोटो अहां मुस्कुराहट ब्लॉग पर देख सकय छी

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हमर ईमेल:-hellomithilaa@gmail.com
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1 Response to मंडी हाउस मे विलाप

  1. Anonymous says:

    Sheshnath Mishra: “ehan program regular hoybak chahi…..mithili a mithila ker sanskritik vikash me janamghutti ker kaj karat…!!!!!!”

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